आपके शिशु को जलपान देते रहना क्यों जरूरी है ?

अल्प आहार आपके शिशु में शुगर की मात्रा को बनाए रखता है जिससे उसके विकास के लिए जरुरी पोषण मिलता रहता है . इस दौरान आपका शिशु हर तरह से विकास कर रहा होता है चाहे वो उसके शरीर का हो या उसके मष्तिस्क का , चाहे ये उसके बोलने की कोशिश का विकास हो या चीजों को समझने का . यही कारण है इस समय शिशु को लगातार पोषक तत्वों का मील पाना जरुरी हो जाता है .
लेकिन खराब खुराक न सिर्फ उसके वर्तमान सेहत के लिए खराब है वल्कि ये उसके भविओश्य में भी सेहत पर ख़तरा बन सकता है . इसीलिए जरुरी है की बच्चे को शुरू से ही सेहतमंद खुराक देनी शुरू कर दी जाए . सकर्त्मका फैसले और सोच के साथ बच्चे की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या को न सिर्फ पीछे छोड़ा जा सकता है वल्कि उसे भविष्य में होएं वाले किसी भी समस्या से भी बचाया जा सकता है .
अल्पाहार को नियमित कैसे करें
नन्हे बच्चे को दिन में करीब 1000 से 1400 कैलोरी की जरूरत पड़ती है . और क्योंकि एक शिशु इस कैलोरी को आसानी से खर्च कर देता है इसलिए उसे दिन में कम से कम 3 बार अल्पाहार देना आवश्यक है . ये अल्पाहार दिन में दिए जाने वाले साधारण आहार के बीच में दिए जा सकते हैं .
अपने शिशु को नास्ते और सोपहर के खाने के समय करीब 2 बार अल्पाहार देने की कोशिश करें . साधारण खाने और अल्पाहार में 2 घंटे का अंतर जरुर रखें . तथ्य ये है की शिशु के शरीर में ऊर्जा की मात्रा बिक्लुल भी कम न हो पाए .
सोने से पहले बच्चे को अल्पाहार देना सही माना जाता है खासकर के ब्रश करने के बाद . भूखे पेट सोने से हो सकता है की शिशु को अच्छे से नींद न आये . लेकिन इस बात का ध्यान जरुर रखें की अल्पाहार उतना ही हो जिससे उसे सोने में आराम मिले न की उसका शरीर उसे पचाने में लग जाए . सोने से पहले भारी मात्रा में भोजन नहीं करना चाहिए , इस बछे के शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे उसे सोने में परेशानी का सामना करना पड़ता है . अगर आपको बच्चे को सोने से पहले कुछ खिलाना ही है तो कम खिलाइए जैसे दूध के साथ बिस्कुट, या ओट, आदि .बच्चे को कुछ मीठा खिला या पिलाकर न सुलाएं .
एक स्वस्थ अल्प आहार क्या है ?
कितनी बार कहाना खिलाना है और कितना खिलाना है से हट के ये सोचने की जरूरत होनी चाहिए की बच्चा जो भी खाए वो उसके स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन हो . ये हैं वो कुछ बिंदु जिनपर नज़र रखनी चाहिए :
- भोजन के पौष्टिकता का लेबल चेक करें : शुगर, कैलोरी,सोचियम और टोटल फैट आदि कुछ चीजें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए .
- प्रकृति की तरफ जाएँ : एक सामान्य नियम ये कहता है की “ ताजा भोजन हमेशा बेहतर होता है “ अब यहाँ ताजा से मतलब है भोजन को उसके असली रूप में खाना .लेकिन हाँ ये भी तय कर लें की ये किसी भी तरह के बैक्टीरिया आदि कीटाणुओं से मुक्त है .
- फ्रूट ड्रिंक से ज्यादा फ्रूट जूस पे ध्यान दें : बच्चे के लिए कुछ भी पेय पदार्थ खरीदने से पहले उसपे लेबल देख के लें जिसपे लिखा हो “ 100% फ्रूट जूस” .फ्रूट ड्रिंक्स में शुगर, सोडियम और आर्टिफीसियल रंग होते हैं
- क्या खाने के बाद प्यास लगती है ?: इसका मलतब ये हो सकता है की शरीर में सोडियम की मात्रा या मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा अधिक है .
शिशु के अल्प आहार का हिस्सा : क्या सही है ?
निचे दिए गये चार्ट को देखिएं जिसमे बच्चे के लिए उसके जरूरत के हिसाब से सही मात्रा को दर्शाया गया है .
Food Group | Daily Serving (1 to 2 years) |
Daily Serving (3 to 4 years) |
Snack Ideas in Serving Size |
---|---|---|---|
Grains | 2 to 3 ounces | 3 to 4 ounces | 1 ounce =
|
Protein | 1 | 3 to 4 ounces | 1 ounce =
|
Vegetables | 1/2 cup | 1 cup
*Use measuring cups to prepare the right amount. To prevent choking, serve soft and well cooked veggies cut in small pieces. |
1/2 cup =
|
Fruits | 1/2 to 1 cup | 1 cup
*Use measuring cups to prepare the right amount. To prevent choking, cut fruits (including small fruits like grapes) into small pieces. |
1/2 cup =
|
Milk | 2 | 2 cups | 1 cup of milk =
*choose low-fat cheese for ages 2 and older |
Healthy Oils | 3 teaspoons | 4 teaspoons | 1 tbsp =
|
शिशु के लिए स्वस्थ अल्प आहार : बच्चों को कैसे खिलायें
ये आजमाए हुए 6 नुस्खों का इस्तेमाल करें जिससे आपके शिशु को स्वस्थ भोजन मिल पाए .
#1: अपने शिशु को सामान खरीदने के लिए साथ लायें और साथ में सामान खरीदें
इससे बच्चे में भी बेहतर और स्वस्थ सामान को पहचाने की आदत हो जाती है जो उसके भविष्य के लिए बहुत अच्छा है . उनसे बात क्रेइओन और बताएं की चिप्स में दूध में या कोई और सामान कैसे उनके सवास्थ्य पर असर डालता है .
इसी सन्दर्भ में एक आर्टिकल : Best brain boosting food for toddlers
#2: अल्पाहार के समय अपने बच्चे को अपने लिए खुद आहार चुनने दें
जब अल्प आहार का समय हो तो अपने बच्चे को उसका मनपसंद आहार चुनने दें . फैसले लेने में ये थोड़ी सी आज़ादी उसे अपने लिए बेहतर आहार चुनने के प्रति जागरूक करेगी और साथ ही माटा-पिता को भी थोड़ी आसानी होगी क्योंकि उनका बच्चा आखिरकार स्वस्थ आहार में से ही किसी एक को चुनेगा .
#3: उसे सब कुछ ख़त्म करने के लिए बाध्य न करें
ज्यादातर एशियाई परिवार अपने बच्चे को हर वो चीज़ खिला देना चाहते हैं जो उनके पास है . लेकिन ये तरीका उलटा पद सकता है इस बात का ध्यान जरुर रखें ,इससे बच्चे के मन में भोजन करने के प्रति हीन भावना आ जाएगी . इसीलिए आपका बच्चा जितना खाता है उसे उतना ही खाने दें जबरदस्ती न करें .
#4: बच्चे को इनाम के तौर पर अल्प आहार देने की आदत न डालें
ज्यादातर लोग बच्चों के अच्छे वर्ताव क लिए या किसी चीज को हासिल कर्ण एके लिए अच्छे स्नैक्स इनाम के तौर पर देते हैं . अध्यन से पता चला है की ऐसा करना बच्चे के लिए बिलकुल भी सही नहीं है और ये बच्चे की भविष्य में खाना खाने की आदत पर असर डाल सकता है .
#5: किसी ख़ास मौके पर कुछ अटपटा खाना चलता है
आपके बच्चे के सामने ऐसे कई दिन आएँगे जब वो अपने नियमित स्वस्थ भोजन से अलग कुछ खाना चाहे या आपके परिवार में ही कोई उसे ऐसा कुछ खाने के लिए दे दे जो उसके नियमित आहार से अलग हो . ऐसे में ये समझना जरूरी है की कभी कभी ऐसे भोजन करने से या स्नैक्स ले लेने से कोई हानि नहीं होती है लेकिन हाँ अगर इसकी आदत पद जाए तो बच्चे को बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है .इसलिए सब कुछ खाएं लेकिन जितनी जरूरत है उतनी ही . अगर आपका बच्चा ऐसे और कुछ कहाँ चाहे तो आपको उसे समझाना चाहिए की ऐसा करना उसेक स्वास्थ्य पर कैसे बुरा प्रभाव डाल सकता है .
#6: बच्चे के लिए आप खुद एक प्रेरणा श्रोत बनें
अपने बच्चे से किसी भी मुद्दे पर बात करना उसे समझाने का सबसे बेहतर तरीका है . इस उम्र में जब वो सब कुछ तेज़ी से सीखना चाहता है, अगर आप चाहते हैं की वो स्वस्थ स्नैक्स का सेवन करे तो उससे पहले ये भी जरुरी है की आप खुद इसमें पहल करें और खुद भी उन्ही स्नैक्स का सेवन करें .
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इन बिन्दुओं को पढने के बाद बच्चे को स्वस्थ भोजन के बारे में समझाना आपके लिए उम्मीद है आसान हो जाएगा .
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