आप अपने नवजात से मिलकर बहुत खुश हैं। लेकिन अज़ीब ढंग से आपको बेहद चिड़चिड़ापन महसूस हो रहा है और आप इस खुशनुमा माहौल में भी खुश नहीं हैं? धैर्य रखें। ऐसा महसूस करने वाली आप अकेली नहीं हैं।
हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं पाया है कि पोस्टपार्टम तनाव का महिलाओं पर इतना असर क्यों होता है। महिलाओं के शरीर में होने वाले हॉर्मोन संबंधी बदलाव को इसकी एक संभावित वजह माना जाता है। शोध के अनुसार प्रत्येक 7 जच्चाओं में से 1 किसी न किसी प्रकार के पोस्टपार्टम तनाव से ग्रस्त होती है।
हालांकि तनाव के ये दौरे कई तरह से पड़ सकते हैं। प्राइमस हॉस्पिटल्स, दिल्ली के साइकोथेरेपिस्ट डॉ. संजू गंभीर बताते हैं,‘‘बेबी ब्लूज़ पोस्टपार्टम तनाव का बहुत हल्का प्रकार है, जिसमें व्यवहार में बदलाव आना और जल्दी रोना व शांत हो जाना शामिल है।
कुछ जच्चाओं को काफी गंभीर और लंबे समय तक तनाव रह सकता है, जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहते हैं।’’इसका सबसे गंभीर प्रकार होता है पोस्टपार्टम साइकोसिस, जिसमें महिलाएं भ्रम में रहती हैं।
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बेबी ब्लूज़ पोस्टपार्टम तनाव का सबसे हल्का प्रकार है। शिशु के जन्म के बाद नींद नहीं आना, उत्साह और बेचैनी के साथ ही आप कई अन्य भावनाएं महसूस करेंगी। अक्सर नए अभिभावकों के लिए इनसे निपटना बहुत मुश्किल हो जाता है, विशेष तौर पर माताओं के लिए।

बेबी ब्लूज़ के लक्षण
- मूड बदलना
- बेचैनी
- उदासी
- चिड़चिड़ापन
- रोना
- एकाग्रता में कमी
- सोने में मुश्किल
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आमतौर पर डिलीवरी के 2 से 3 सप्ताह में बेबी ब्लूज़ के लक्षण समाप्त हो जाते हैं। लेकिन कभी-कभी ये थोड़े लंबे समय तक रहते हैं और काफी गंभीर होते हैं। अगर इससे आपके और आपके शिशु के बीच रिश्ते व सामान्य गतिविधियों पर असर पड़े तो आपको पोस्टपार्टम तनाव के लिए इलाज कराना चाहिए। अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह स्थिति कई महीनों या इससे अधिक समय तक रह सकती है।

पोस्टपार्टम तनाव के लक्षण
- भूख नहीं लगना
- रात में नींद नहीं आना
- बहुत अधिक चिड़चिड़ापन और गुस्सा
- अत्यधिक थकान
- सेक्स में दिलचस्पी नहीं होना
- जीवन में खुशी की कमी
- शर्म, ग्लानि या अयोग्यता की भावना
- मूड में बहुत अधिक बदलाव आना
- अपने शिशु के साथ जुड़ने में मुश्किल होना
- परिवार व दोस्तों से कम मिलना-जुलना होना
- खुद को या फिर शिशु को नुकसान पहुंचाने का विचार
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अगर डिलीवरी के दो सप्ताह के भीतर आप असमंजस, मानसिक रूप से भ्रमित और पैरानॉइड महसूस करें तो आप बेहद दुर्लभ परिस्थिति पोस्टपार्टम साइकोसिस से ग्रस्त हैं।
पोस्टपार्टम साइकोसिस के लक्षण
- असमंजस और दिशाभ्रम
- Hallucinations and delusions
- बेचैनी
- खुद को या शिशु को नुकसान पहुंचाने की भावना

डॉ. गंभीर कहते हैं,‘‘अगर डिलीवरी के बाद कोई महिला तनाव ग्रस्त महसूस कर रही है तो इसे नज़रअंदाज नहीं करें। बहुत जरूरी है कि आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। इसमें शर्मिंदगी महसूस करने वाली कोई बात नहीं है। अगर पोस्टपार्टम तनाव का इलाज नहीं किया गया तो इसके प्रभाव जानलेवा भी हो सकते हैं। ’’
जच्चाएं बाद में अफसोस करने से बेहतर है सुरक्षित रहना।
अगर आप पोस्टपार्टम तनाव के बारे में कुछ बताना चाहती हैं तो कृपया निम्नलिखित टिप्पणी बॉक्स में साझा करें ।