बतौर पैरेंट, आप सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपके बच्चे सुरक्षा के बारे में कम से कम में उम्र में सीखें और जानें। आप उन्हें हर तरह से सुरक्षित रखना चाहते हैं। लेकिन क्या आपको बता है कि बच्चों के लिए कई ऐसी खतरनाक चीजें भी हैं जो जो उन्हें असल में काफी कुछ सिखा सकती है।
अब, मैं ये नहीं कह रही हूं कि आप बच्चों को पैराशूट का महत्व सिखाने के लिए स्काईडाइव करना सिखाएं। लेकिन रोजमर्रा की एक्टिविटी में भी बच्चे कई चीजें सीख सकते हैं।
जब बात खतरनाक चीजों की आती है तो बिना जरुरत से ज्यादा सुरक्षा का ख्याल करते हुए उन्हें ऐसे अनुभव दें जो उन्हें जिंदगी भर काम आएगी।
बच्चों के लिए खतरनाक चीजें: 12 एक्टिविटी जो बच्चों को सुरक्षा के बारे में सिखा सकती है
1.आग से खेलना

उन्हें अपने अगुआई में कुछ बनाने या बेक करने दें। इससे ना सिर्फ उनका गणित अच्छा होगा बल्कि उनकी दिशा निर्देशों को फॉलो करने की आदत भी अच्छी होगी, इससे उन्हें आग से सुरक्षा के बारे में पता चलेगा।
असल में ऐसा करने से मम्मी और पापा के साथ बच्चे की बॉन्डिंग भी अच्छी हो सकती है।
2.पेड़ों पर चढ़ना!

पेड़ों पर चढ़ने से उनकी ना सिर्फ मोटर और सामंजस्य बिठाने की आदत अच्छी होगी बल्कि ये काफी मजेदार अनुभव भी होगा। बच्चों के लिस्ट में इसे खतरनाक ही रहने दें, पेड़ों पर चढ़ना अपने आप में काफी कुछ सिखाता है। बच्चों को अपनी क्षमता पर कॉन्फिडेंस होता है।अपने नन्हें मन में वो किसी भी सामान को माप सकते हैं फिर चाहे वो कितना ही बड़ा क्यों ना हो।
इससे हो सकता है उन्हें खरोंच आये या हल्कि चोट लग जाए लेकिन ये सब बचपन का हिस्सा है।
3.नौकायान, केनोइंग, कायाकिंग

बच्चों को गहरे पानी में भी जाने दें जो बच्चों के लिए सुरक्षित हो। आउटडोर की खतरनाक चीजें करना प्रकृति के लिए प्रशंसा करने जैसा है।इससे मांसपेशियों में अच्छा सामंजस्य बैठता है और इससे वो एक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मेहनत करने की जरुरत को समझते हैं।
बस उन्हें ये सब देखरेख में करने दें।अगर उन्हें तैराकी आती भी है तो लाइफ जैकेट पहनना जरुरी है।
4.मशीनों को अलग-अलग कर देना
अगली बार जब आप उपकरण को फेंकने जा रहे हों तो उसे ना फेंके। इसे बच्चों के साथ बैठकर अलग अलग करें। ये सलाह ग्रेवर तुली , टिंकरिंग स्कूल के संस्थापक ने टेड टॉक्स में कही थी और साथ में ये भी कहा था कि बच्चों के लिए खतरनाक चीजों की छानबीन करने देना काफी फायदेमंद होता है।

उन्होंने कहा था कि “अगर आपको नहीं भी पता है तो पार्ट्स को अलग-अलग कर सुलझाने की कोशिश करें। इससे बच्चों में भी समझ आती है कि वो चीजों को अलग-अलग कर सकते हैं और ये कितना भी जटिल हो वो इसे समझेंगे भी।“
तुली ने knowability सीखने के महत्व पर काफी जोर दिया था। बच्चों को समझ आना चाहिए कि कुछ भी समझने के लिए कठिन नहीं होता है। जो भी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल की जाती है उसे एक साथ जानकार लोगों द्वारा एक खास पढ़ाई की वजह से किया जाता है। और वो भी इस ज्ञान को ले सकते हैं।
5. कैंपिंग पर जाए
रात में आउटडोर पर जाने से बच्चे काफी कुछ पर्यावरण के बारे में खरोल-विज्ञान के बारे में सीख सकते हैं। इससे उन्हें तकनीकों से हटकर जिंदगी में साधारण चीजों को अहमियत देने की सीख मिलेगी।

तारों से भरे आसमान के नीचे रात बिताना, जहां सिर्फ झींगुर और पत्तों के आवाज आता हो, और भी ज्यादा मजेदार अनुभव हो सकता है। ये एक ऐसा अवसर है जहां आप लेटकर उनके साथ जिंदगी के बारे में बातें भी कर सकते हैं।
6. जेब में रखने वाले चाकू का इस्तेमाल
आपका पहला जेब में रखने वाला चाकू आपका पहला हथियार है जो दिया जाता है। आप जानते हैं कि इसमें एक स्पैचुला, प्रे बार, स्क्रूडाइवर और ब्लेड होता है। ये काफी पावरफुल भी होता है। टुली के अनुसार कुछ स्वदेशी संस्कृति भी बच्चों को चाकू फिराने की अनुमति देती है।

उनके अनुसार “बच्चे बहुत ही कम उम्र से एक उपकरण के माध्यम स्वंय के विस्तार की भावना को विकसित करते हैं। आप बच्चों को लिए स्मार्ट नियम बनाएं: जैसे अपने शरीर से दूर रखकर कुछ भी काटें, ब्लेड को शार्प रखें, इसपर जबरदस्ती ना करें। ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिसका बच्चे पालन कर सकते हैं।
7. रॉक क्लाइम्बिंग या वॉल क्लाइम्बिंग
ऊंचे दीवार या पहाड़ की स्केलिंग करना बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है जिसके बारे में पैरेंट्स नहीं सोच सकते हैं लेकिन ये असल में काफी अच्छे अनुभव हो सकते हैं।
घर के अंदर भी क्लाइम्बिंग से बच्चों में कॉन्फिडेंस, और धीरज बढ़ता है। बस इतना सुनिश्चित कर लें कि उन्हें खतरों के बारे में पूरी जानकारी हो और क्लाइम्बिंग को मस्ती के तौर पर लेने से पहले वो अच्छे से इसे करना सीख लें।

आप इनडोर या आउटजोर क्लाइम्बिंग करें, विशेषज्ञों को हमेशा पता होना चाहिए कि रस्सी बच्चों के साथ अच्छे से बंधे हुए हों। और जब भी बच्चे ग्राउंड के नजदीक हों उन्हें स्पॉट करें।
8. डार्ट्स
डार्ट्स फेंकना एनालिटिकल और फिजिकल कौशल का मेल है जो हाथ और आंख का कॉर्डिनेशन भी बढ़ता है और इसके साथ मस्तिष्क के फंक्शन को भी मजबूत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।

टुली के अनुसार “इससे हमारा दिमाग वाकई चीजों को फेंकने के लिए वायर्ड है। अगर आप अपने दिमाग के हर हिस्से का इस्तेमाल नहीं करते हैं समय के साथ और भी बुरी स्थिर हो जाते हैं।“
“इसलिए किसी चीज को फेंकने की प्रैक्टिस करना मतलब अपने सामने और पार्शिटल लोब्स को प्रोत्साहित करें जिसका असल में विजुअल एक्युटी, 3D अंडरस्टैंडिंग और संरचनात्मक समस्या से सीधा लेना देना है।
9. पेपर कप में पानी उबालना
हालांकि यह आपदा का नुस्खा लगता है, लेकिन ये बच्चों के लिए विज्ञान के लिहाज से भी काफी बड़ा अनुभव होता है कि कैसे पानी और कागज एक साथ आग में रह सकता है। पहले ये सुनिश्चित कर लें कि कप बिल्कुल स्थिर पोजिशन में स्टॉव पर हो और टॉन्ग बिल्कुल तैयार रखें।

एक बार जब पानी उबलना शुरु हो जाए तो एक तय दूरी बनाकर रखें। आपको जल्द ही दिखेगा कि पानी के साथ नहीं संपर्क वाले जगह पर पेपर कप काला हो रहा है। नहीं विश्वास हुआ? आप खुद इस वीडियो को देखें।
10.पावर टूल का इस्तेमाल
बात जब पावर टूल की हो तो हमेशा इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखा जाए ये जरुरी नहीं। इसका इस्तेमाल करने देने से वो उनकी कल्पना करने की शक्ति मजबूत होगी, वो कुछ नया सोचेंगे और प्लान करेंगे।

उन्हें बताएं कि इन उपकरणों का इस्तेमाल कैसे करते हैं और पूरी सतर्कता के साथ बच्चों को क्यूबी हाउस या फोर्ट बनाने से पहले इस्तेमाल करने दें और उन्हें आइडिया भी दें।
11.रस्सी का झूला बनाकर खेलना
उन्हें रोप स्विंग बनाने को कहें और ऐसा करने से आप उन्हें धैर्य और समर्पण का पाठ पढ़ा रहे हैं। उन्हें अच्छे उपकरणों के बारे में बताएं और उन्हें इस्तेमाल करने दें। एक बार जब वो ये करेंगे तो उनकी मस्ती दुगनी हो जाएगी क्योंकि वो झूला उन्होंने खुद बनाया है। यहां जानिए कैसे रस्सी का झूला बनाएं।

12. गाड़ी बनाएं और चलाएं
अपनी निगरानी में बच्चों को गाड़ी बनाना सिखाएं। यहां देखें कि इसे कैसे बनाया जाता है।

एक बार जब ये बन जाएं तो सड़क, पार्क या ड्राइव वे पर आप रेस भी लगा सकते हैं। सड़क सुरक्षा के बारे में बताने के साथ-साथ आप इस तरह से बॉन्डिंग और भी मजबूत कर पाएंगे।