बच्चों में बर्थमार्क...जानिए सबकुछ

बच्चों में जन्म के साथ कई बार हम उनके शरीर पर निशान देखते हैं जिसे हम बर्थमार्क भी कहते हैं। बच्चों में कई तरह के बर्थमार्क होते हैं। गैलेरी में पढ़िए और जानिए बर्थमार्क के बारे में ।
कई बच्चों में जन्म के साथ बर्थमार्क होते हैं जिसे देखकर ज्यादातर पैरेंट्स घबरा जाते हैं। बर्थमार्क कई रंग, शेप और साइज में होते हैं।
हम यहां आपकी परेशानियों को कम करने के लिए बच्चों में बर्थमार्क से जुड़ी सभी जानकारी दे रहे हैं जिसे आप जानकारी के लिए जरुर पढ़ें।
क्या है बर्थमार्क?
बर्थमार्क त्वचा पर एक पैच मार्क की तरह होता है जो जन्म के समय साथ ही नजर आता है लेकिन कई बार ये जन्म के बाद बढ़ते जाते हैं। ये सीधा-सपाट भी हो सकता है। जॉन हॉपकिंग मेडिसीन के अनुसार यह एब्नॉर्मल पिगमेंट की वजह से होता है।
अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है कि बर्थमार्क होता कैसे है, ज्यादातर बर्थमार्क नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। वो शरीर में कहीं भी हो सकते हैं। असल में बर्थमार्क दो तरह के होते हैं।
- पिग्मेंट बर्थमार्क: ये निशान रंग वाले होते हैं।ये त्वचा के किसी हिस्से पर अधिक पिगमेंट के कारण होते हैं।ये ज्यादातर गहरे रंग के होते हैं जैसे तिल या ब्यूटी स्पॉट की तरह।
- वैस्कुलर बर्थमार्क: ये बर्थमार्क धमनियों के गुच्छों के कारण होता है जो त्वचा के नीचे एक दूसरे के साथ समूहों में मिल जाते हैं और त्वचा पर ये हल्के लाल रंग का दिखता है।
जॉन हॉपकिन्स मेडिसीन के अनुसार इसके पहले कि हम आपको बर्थमार्क के अलग-अलग प्रकार के बारे में बताएं, कृप्या ये ध्यान दें ज्यादातर बर्थमार्क किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। लेकिन हां कुछ खास परिस्थिति में जांच जरुरी करानी चाहिए जैसे..
- जब बर्थमार्क कमर के नीचे हो – ये रीढ़ की हड्डी की समस्या के कारण भी हो सकता है।
- सिर, चेहरे या गले पर बहुत ही बड़ा दाग।
- अगर इसके रंग में परिवर्तन दिखे या इसका आकार बढ़ता जाए।
सैलमॉन पैच/स्ट्रॉक बाइट/एंजेल किस
ये ज्यादातर इसी नाम से जाने जाते हैं। ये ज्यादातर बेबी के आखों के ऊपर, सिर में, अपर लिप या गर्दन के ऊपर होते हैं।
सैलमॉन पैच बहुत अधिक कॉमन है और 70% नवजात शिशुओं मे होता है। ये कोशिकाएं त्वचा के सतह के बहुत नजदीक होती है।
ये ज्यादातर जब बेबी रोते हैं या तापमान में बदलाव होता है तो नजर आता है। ये बर्थमार्क ज्यादातर समय के साथ चले जाते हैं। पैरेंट्स हम आपको एक बार फिर बताना चाहेंगे कि बर्थमार्क बेबी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
Café au lait spots
कॉफी रंग का ये बर्थमार्क ज्यादातर अंडेकार आकार मे होते हैं और जन्म के तुरंत बाद नजर आता है। ये रंग धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं। धूप में आने के कारण बर्थमार्क का रंग अधिक गहरा होता है।
Café au lait spots कई बार बहुत जगह नजर आते हैं। मेडिकल न्यूज टुडे के अनुसार “जब किसी को चार बर्थमार्क से अधिक हो तो हो सकता है उन्हें न्यूरोफाइब्रोमैस (ट्यूमर) हो जो नुकसान नहीं पहुंचाते हैं या फिर अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आप चार से अधिक बर्थमार्क नोटिस करें तो डॉक्टर के पास बेबी को लेकर जाएं।
पोर्ट वाइन बर्थमार्क
ये वैस्कुलर बर्थमार्क जन्म से हल्के गुलाबी से लेकर डार्क पर्पल रंग का होता है। ये शरीर में कहीं भी हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर ये चेहरा, सिर और गले में होता है।
पोर्ट वाइन बर्थमार्क जल्दी नहीं जाते हैं और कभी-कभी समय के साथ बड़े और रंग में अधिक गाढ़े होते जाते हैं। ये जन्म के समय बिल्कुल सपाट होते हैं लेकिन समय के साथ उभर भी सकते हैं।
इन बर्थमार्क को लेजर तकनीक से ठीक किया जा सकता है (प्लास्टिक सर्जन द्वारा) लेकिन ये बेबी के बड़े हो जाने के बाद संभव है।
मेडिकल न्यूज टुडे के अनुसार पोर्ट वाइन बर्थमार्क Sturge-Weber syndrome सिंड्रोम की वजह से होता है।इसकी वजह से बच्चों को विजन समस्या होती है।
मंगोलियन स्पॉट्स
इसे स्टेट-ग्रे नर्वस भी कहते हैं क्योंकि ये डार्क ग्रे रंग का होता है। ये बर्थमार्क ज्यादातर एशियन और ब्लैक हेरिटेज में होते हैं।
आप नोटिस करेंगे कि ज्यादातर ये बेबी के कमर के नीचे होता है। ये अधिक पिगमेंटेशन की वजह से होता है और बच्चों के तीन-चार साल के होते-होते खत्म भी हो जाता है।
हीमैन्जीओमस (Hemangiomas)
American Academy of Dermatology के अनुसार असल में दो तरह के हीमैनजीओमा होते हैं जिसमें एक त्वचा के ऊपर और दूसरा त्वचा की सतह के नीचे होता है। पहले वाले को स्ट्रॉबेरी हीमैन्जीओमस इसके लाल रंग और शेप के कारण कहते हैं।वहीं दूसरे तरह के हीमैन्जीओमस को नीले-पर्पल रंग का होता है और ये उभरा हुआ भी होता है। ये बेबी के जन्म के साथ ही नजर भी आ सकता है।
दोनों तरह के हीमैन्जीओमस बेबी के पहले साल में बहुत जल्दी हो बढ़ सकते हैं, ये बाद में खुद धीरे-धीरे सिकुड़ते चले जाते हैं या हल्के निशान रह जाते हैं।
सीधे-सपाट शब्दों में बोलें तो हीमैनजीओमा से बच्चे को कोई खतरा नहीं होता है। हालांकि वो अगर बच्चे की आंख, गले आदि पर हों तो डॉक्टर से जरुर दिखाएं।