19 फरवरी 2018 को हुई एक दिल दहलाने वाली घटना में गाजियाबाद में रहने वाली 4 साल की मायरा की 10वें फ्लोर से गिरकर मौत हो गई।इस घटना के बाद बच्चों की बालकनी में सुरक्षा कितना जरूरी है ये मुद्दा प्रकाश में आ गया है।
c: घटना से सीखें आप भी

पड़ोसी के अनुसार, नन्हीं मायरा घर में सो रही थी और उसकी मां कुछ काम से बाहर गई थीं। वो मायरा को अपनी 12 साल की बड़ी बेटी परी पर छोड़ कर गई थी। परी को ट्यूशन के लिए देर हो रहा था इसलिए वो बाहर से लॉक कर चली गई।
परी के बाहर जाने के बाद क्या हुआ इसके बारे में सभी कयास लगा रहे हैं। पुलिस के अनुसार बालकनी से फिसल कर गिर सकती है क्योंकि मृत्यु के समय वो मोजे में थी। पुलिस ने ये भी कहा कि वो शायद कुर्सी के ऊपर खड़ी होकर बालकनी से बाहर झांक रही थी।
कैसे मिली मायरा

सिक्योरिटी गार्ड अंकित चौधरी ने कहा कि “दूसरे सिक्योरिटी गार्ड सुरेद्र ड्यूटी F टॉवर के पास खड़ा था। उसे अचानक से एक आवाज सुनाई दी और उसी तरफ से दौड़ा। तब उसने देखा कि एक बच्ची चेहरे के बल गिरी हुई थी। वो तुरंत चिल्लाकर स्पॉट पर पहुंचा। मैंने बच्चे को गोद में उठाया और हिलाने की कोशिश की। उसके चेहरे पर सिर्फ खून ही खून था और उसने कुछ भी नहीं प्रतिक्रिया नहीं दी।“
कोई मायरा को पहचान नहीं पा रहा था, गार्ड्स उसे लेकर पास में शांति अस्पताल गए जहां सुरेद्र ने उसकी पहचान की। डॉक्टर्स के अनुसार बच्ची अस्पताल पहुंचे के पहले ही दम तोड़ चुकी थी।
बालकनी में बच्चों की सुरक्षा: याद रखें ये सलाह

यहां हम छोटे बच्चों के पैरेंट्स को चेतावनी देना चाहते हैं कि बच्चों को कभी अकेला ना छोड़ें कम से कम अगर उनके भाई/बहन बिल्कुल बड़े ना हो जाएं तब तक बिल्कुल भी नहीं। पैरेंट्स को बड़े बच्चों की निगरानी में छोटे बच्चों को छोड़कर नहीं जाना चाहिए। हमेशा बच्चों को बड़ों की निगरानी में छोड़कर जाएं।
जहां तक बालकनी में सुरक्षा की बात आती है तो फंसने और गिरने से बच्चों के चोट लगने की पूरी संभावना होती है। वो अपने शरीर का कोई अंग या सिर को बालकनी के ग्रिल में फंसा सकते है या फिर मायरा की तरह फिसलकर गिर सकते हैं।
अगर आपके भी घर में बालकनी है तो बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए इन बातों को हमेशा याद रखें।
- बच्चों को बालकनी में एक खास दूरी पर खड़ा होना सिखाएं।
- उन्हें बालकनी पर ना चढ़ने दें और जितना हो सके हतोत्साहित करें।
- चढ़ाई करने योग्य वस्तुओं को बालकनी से दूर रखें।
- बच्चों को हल्के फर्निचर को बालकनी में ना लाने दें।
- जब बच्चे बालकनी में रहें तो अधिक चौकस रहें।