नवजात शिशु के सिर को सही आकार देने के लिए क्या करें

धीरे-धीरे जब सिर की हड्डियां आपस में जुड़ जाती है और शिशु के सिर के मुलायम हिस्से मजबूत हो जाते हैं तो उनके सिर का आकार भी ठीक हो जाता है
जन्म लेने के समय शिशु के सिर का आकार पूरा गोल ना होना या फिर बिल्कुल ही अलग होना सामान्य है । शिशु का सिर इतना लचीला और मुलायम होता है कि प्राकृतिक प्रसव के समय संकीर्ण रास्ते से बाहर निकलने के प्रयासों में इसका आकार बदल जाता है ।
इस प्रक्रिया को ही मोल्डिंग कहते हैं जिसमें शिशु के सिर पर पड़ रहे दबाब के कारण उसके सिर का आकार चपटा, उठा हुआ या शंकु जैसा हो जाता है । वैसे शिशुओं के सर की कोमल हड्डियों के कारण ही वो सिकुड़ कर बाहर निकलने में सफल हो पाते हैं ।
धीरे-धीरे जब सिर की हड्डियां आपस में जुड़ जाती है और शिशु के सिर के मुलायम हिस्से मजबूत हो जाते हैं तो उनके सिर का आकार भी ठीक हो जाता है ।
आपने ये निश्चित तौर पर गौर किया होगा कि शिशु के सिर में आगे और पीछे दो मुलायम स्थान होते हैं जो छूने पर बेहद ही नर्म और सुकोमल प्रतीत होते हैं दरअसल इन्हें फॉन्टानेल कहा जाता है ।
शिशु जब 6 हप्ते का हो जाता है तो पीछे वाला सॉफ्ट स्पॉट बंद हो जाता है लेकिन सिर के सामने वाले हिस्से में जो धंसा हुआ सॉफ्ट स्पॉट आप महसूस करती हैं वो 18 महीने की अवस्था तक मजबूत हो जाएगा ।
सिर के आकार को कैसे सुधारा जाए...
- शिशु को लिटाने का सबसे सही और सुरक्षित तरीका होता है पीठ के बल लिटाना । इस तरह लिटाने के क्रम में आप देंखेंगी कि शिशु के सिर का पिछला भाग चपटा हो जाता है ।
- अगर आपका शिशु लगातार एक ही दिशा में देखता है तो ऐसे में उसकी रिपोजिशनिंग करें । आप कोई ऐसी कलरफुल चीज उल्टी दिशा में रख सकती हैं जिसको देखने के लिए शिशु अपना सिर दूसरी तरफ झुका कर रख सके ।
- शिशु को फीड कराने के समय आपको ये ध्यान रखना होगा कि कहीं हमेशा आप बांयी तरफ या दांयी ओर लेट कर तो फीड नहीं करा रहीं । जिस ओर शिशु सबसे ज्यादा टर्न किया होगा उधर के सिर का हिस्सा धंसा हुआ या चपटा दिखेगा।
- सही शेप में लाने के लिए शिशु को लिटाने की अवस्था की निगरानी रखनी होगी ।
- अक्सर मालिश वाली दाई शिशु के सर में तेल लगाने के बाद अपने हाथों को हल्की आग से सेंक कर उससे शिशु के माथे पर दबाब डालती है ताकि उसका आकार सुधारा जा सके । लेकिन ध्यान रहे अधिक ज़ोर की थपकी शिशु के मस्तिष्क को चोट पहुंचाकर प्रभावित कर सकती है ।
- सरसों से बने तकिये पर भी शिशु को लिटाया जाता है । इसमें भी तकिये की ऊंचाई का ख्याल रखना चाहिए । आपको ये भी ज्ञात हो कि 1 साल की उम्र से पहले शिशु को तकिये पर लिटाने की सलाह डॉक्टर नहीं देते ।
- सिर के आकार को लेकर आपको अधिक परेशान नहीं होना चाहिए । जैसे ही शिशु बैठने लगेगा तो नीचे लेटने के दौरान उसके सिर पर जो दबाब पड़ता था वो अब कम हो जाएगा और धीरे-धीरे आप उसके सिर के आकार में परिवर्तन महसूस करने लगेंगी ।