तस्वीरें : रविवार को दादू अमिताभ बच्चन के साथ फैन्स से मिलने पहुंची आराध्या

बिग बी ने इस सप्ताह अपने फैन्स के लिए सरप्राइज प्लान कर रखा था।दरअसल अमिताभ बच्चन की पोती आराध्या अपने दादू को कंपनी देने साथ आईं।
ये सबको पता है कि अमिताभ बच्चन हर रविवार को अपने हजारों फैन्स से मुंबई स्थित जलसा बंगले के बाहर मिलते हैं। ये अब अमिताभ बच्चन के लिए परंपरा बन गई है जिसका पालन वो 40 साल से भी ज्यादा समय से कर रहे हैं।
लेकिन यह रविवार अमिताभ बच्चन के फैन्स के लिए काफी अलग रहा। बिग बी ने इस सप्ताह अपने फैन्स के लिए सरप्राइज प्लान कर रखा था।दरअसल अमिताभ बच्चन की पोती आराध्या अपने दादू को कंपनी देने साथ आईं। लिटल बच्चन अपने दादा से ज्यादा एक्साइटेड लग रही थीं हालांकि शुरूआत में वो थोड़ी घबराई लग रही थीं।
बहु ऐश्वर्या राय भी अपनी बेटी आराध्या के साथ वहां मौजूद थीं और साथ ही परिवार का नया पालतू जानवर साल्ट पेपर भी।
अमिताभ बच्चन ने आराध्या की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि “परिवार की सबसे छोटी सदस्य पहले थोड़ी अनिच्छुक थी लेकिन बाद में बाहर आने के लिए तैयार हो गई, हालांकि शुरूआत में वो थोड़ी घबड़ाई हुई थी और उसने माना भी कि वहां उसे डर लग रहा था। उसका पूरा ध्यान नई पालतू बिल्ली पर था जिसे वो सड़क से लेकर आई थी..”
T 2439 - .. the Sunday well wishers .. and an introduction to the little one .. she confessed later : 'I was a little afraid'!! .. pic.twitter.com/85era6zQZL
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) May 29, 2017
साथ ही बिग बी ने आराध्या और उनकी पालतू बिल्ली के बारे में भी लिखा:
“आराध्या ने मुझे कहा कि हम इसे पाल लें और जब मैंने कहा कि मुझे बिल्लियां पसंद नहीं हैं तो वो बिल्कुल चौंक गई कि मुझे बिल्लियां नहीं पसंद है। उसने मुझे फिर कहा “एक और है..उसकी बहन..द कैट सिस्टर..और खुश हुई कि शायद मैं उसकी बहन के लिए राजी हो जाऊंगा।मैंने मना कर दिया और मुझे लग रहा है कि आज शायद एक ब्राउनी प्वाइंट मैं हार गया।“
अमिताभ ने ये बातें अपनी ब्लॉग में लिखीं।
ग्रैंडपैरेंट्स का साथ...
अमिताभ बच्चन अपनी पोती के साथ काफी समय बिताते हैं और ये उनके इस ब्लॉग के बाद साफ पता चल गया। साथ ही उनकी बहु ऐश्वर्या भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। आराध्या के रिएक्शन से पता चलता है ग्रैंडपैरेंट्स वाकई बच्चों को काफी नजदीक होते हैं और वो आपके बच्चों की जिंदगी में काफी मायने रखते हैं।
- ग्रैंडपैरेंट्स बच्चों को मौलिक शिक्षा देने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दुख की बात है कि आजकल एकल परिवार के जमाने में बच्चे वो सिद्धांत और मूल्य नहीं सीख पाते हैं जो उनके माता पिता अपने पैरेंट्स से सीखते हैं।
- बच्चे हमेशा अपने ग्रैंडपैरेंट्स के काफी करीब होते हैं।बच्चे अपने पैरेंट्स की बात नहीं सुनना चाहते हैं लेकिन ग्रैंडपैरेंट्स की सुनते हैं। ग्रैंडपैरेंट्स बच्चों को रोजमर्रा की जिंदगी में कई सीख दे सकते हैं वो भी बिल्कुल हल्के फुल्के अंदाज में।
- ग्रैंडपैरेंट्स कामकाजी मॉम के लिए सपोर्ट सिस्टम की तरह होते हैं खासकर जब पैरेंट्स बच्चे के साथ समय नहीं बिता पाते हैं और इसका उन्हें अफसोस होता है।
- ग्रैंडपैरेंट्स की वजह से बच्चे एक इमोशनल बॉन्ड शेयर करते हैं और इससे उन्हें एक क्लोज आपस में मिल जुलकर रहने वाले परिवार के महत्व के बारे में पता चलता है।
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