करिश्मा कपूर की जगह क्यों अभिषेक बच्चन ने ऐश्वर्या राय को चुना अपना लाइफपार्टनर..जानिए असली कारण

आगे इस लेख में पढ़ें कि क्यों अभिषेक बच्चन ने ऐश्वर्या राय को अपनी पत्नी के रूप में चुना। और यही कारण है कि अभिषेक और ऐश्वर्या अपने नए 21 करोड़ के फ्लैट में नहीं शिफ्ट कर रहे हैं।
काफी लंबे से समय से ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन के वर्ली स्थित नए फ्लैट की चर्टा हो रही है जिसकी कीमत 21 करोड़ रूपए है। आपको हालांकि जानकर आश्चर्य होगा कि ये कपल अपने नए घर में नहीं शिफ्ट हो रहे हैं और इसका सिर्फ एक कारण है। क्या आप मानेंगे कि ये वही कारण है जिसकी वजह से अभिषेक बच्चन ने करिश्मा कपूर की जगह ऐश्वर्या राय को अपनी पत्नी के रूप में चुना।
जी हां ये सच है। बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर कपल ने एक नया घर लिया है बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स में है।
अभिषेक ने क्यों ऐश्वर्या राय को चुना अपना पार्टनर
अभिषेक और ऐश्वर्या शादी के बाद अमिताभ बच्चन के घर जलसा में शिफ्ट हो गए। इसके अलावा उनका मुंबई में स्काईलार्क टॉवर में भी 37वें फ्लोर पर एक फ्लैट है।
रिपोर्ट्स की माने तो दोनों का इरादा बिल्कुल भी घर में शिफ्ट होने का नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अभिषेक बच्चन अपने परिवार से दूर नहीं रहना चाहते हैं और ऐश्वर्या राय भी ऐसा नहीं चाहती हैं। यही कारण था कि करिश्मा कपूर और अभिषेक बच्चन अलग हुए थे।
the Deccan Chronicle की एक रिपोर्ट के अनुसार “अभिषेक बच्चन अपने पैरेंट्स के काफी क्लोज हैं और वो घर छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं। जब 2002 में उनकी सगाई करिश्मा कपूर से हुई थी तब कुछ ही दिनों में ये टूट भी गई थी क्योंकि करिश्मा कपूर शादी के बाद अलग रहना चाहती थी।“
ऐश्वर्या राय का ऐसा कोई इरादा नहीं था इसलिए अभिषेक बच्चन ऐश्वर्या राय की तरफ आकर्षित हुए।
रिपोर्ट के अनुसार “ऐश्वर्य राय की एक खासियत जो अभिषेक को पसंद आई वो ये कि ऐश्वर्या राय अपने पैरेंट्स से भावनात्मक और शारीरिक तौर पर पास होने का मतलब समझती हैं। इसलिए वो कभी जलसा से अलग रहने नहीं गई (बच्चन परिवार का घर जहां 20 सालों से भी अधिक समय से पूरा परिवार रह रहा है।)
हम भी इस बात से काफी खुश हैं अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय एक दशक से भी लंबे समय से काफी खुशहाल शादी शुदा जिंदगी जी रहे हैं।
परिवार के साथ रहना..
परिवार में एक साथ रहना हमारे देश की पहचान है। संयुक्त परिवार बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि इससे उनमें कई पारिवारिक मूल्य आते हैं।
क्या आपको अपना दादा-दादी, चाचा-चाची, बुआ और मौसी के साथ का बचपन याद है?
यहां हम आपको तीन कारण बता रहें हैं कि क्यों हम सभी को एक बार बच्चों की खातिर लेकिन ज्वाइंट फैमिली में रहना चाहिए।
- शेयर मतलब केयर: संयुक्त परिवार से बेहतर तरीके से कोई आपको केयरिंग और शेयरिंग नहीं सिखा सकता है। बच्चों को इस्तेमाल की गई चीजों की भी वैल्यू का पता चलता है जिसका उनके पालन पोषण पर असर पड़ता है।
- पारंपरिक वैल्यू: एकल परिवार आज की तारीख में भारतीय मूल्यों और परंपराओं को नहीं जान पाते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से आपके बच्चों को अपनी सभ्यता और परंपरा का पता चलेगा।
- नखरों का समय नहीं: बच्चों के आसपास इतने लोगों के रहने के कारण आपके बच्चों को शायद ही कभी अटेंशन की कमी हो जो नखरे दिखाने का सबसे बड़ा कारण होता है। इसके अलावा बच्चों को चीयर करने के लिए कई लोग होंगे। आप ही सोचिए उनका बचपन कितना खूबसूरत होगा।